अनोरा (Anora) ने 97वें ऑस्कर अवॉर्ड में बेस्ट फिल्म के तौर पर भी बाजी मार ली है. फिल्म को छह नॉमिनेशंस मिले थे, जिनमें से पांच श्रेणी में पुरस्कार मिले हैं, इनमें बेस्ट फिल्म के अलावा बेस्ट डायरेक्टर और बेस्ट एक्ट्रेस भी शामिल हैं. पांच कटेगरी में अनोरा को मिले ऑस्कर अवॉर्ड फिल्म को ग्लोबल अहमियत दिलाते हैं. इस फिल्म में रूस और अमेरिका का कनेक्शन भी है. अनोरा में देह व्यापार से जुड़े समुदाय की किरदार के प्रेम और शादी की कहानी है. इसे परीकथा का रूप दिया गया है. फिल्म की सफलता की सबसे बड़ी वजह परीकथा दर्शन भी है. ऑस्कर के ऐलान के बाद सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीतने वाली माइकी मैडिसन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रसन्नता जाहिर की और देह व्यापार समुदाय के प्रति आभार जताया.
एक्ट्रेस माइकी मैडिसन (Mikey Madison) ने इसी के साथ ये भी कहा कि समाज के हाशिये पर रहने वाले इस वर्ग के लिए अपना समर्थन जारी रखूंगी, हमारा सहयोग बना रहेगा. फिल्म में काम करने से पहले मुझे इस समुदाय के लोगों से मिलने और उनकी जिंदगी को बहुत करीब से समझने का मौका मिला था. उनसे जुड़ी यादें बहुत ही अचंभित करने वाली हैं. उनका जीवन बहुत कठिनाइयों से भरा हुआ है. उन्हें सहयोग की जरूरत है. देह व्यापार की दुनिया में भी परियां होती हैं, जिनकी अपनी-अपनी ख्वाहिशें होती हैं.
अनोरा फिल्म की कहानी क्या है?
माइकी मैडिसन ने अनोरा की भूमिका निभाई है. अनोरा वास्तव में न्यूयॉर्क सिटी के भीतर की कहानी है. अनोरा का मूल संबंध रूस से है. वह न्यूयॉर्क शहर की रशियन प्रवासियों की कॉलोनी में रहती है. वह पेशे से डांसर है और देह व्यापार भी करती है. यूएस में रहने के चलते टूटी-फूटी रशियन भाषा आती है. अनोरा को उसके दफ्तर में बॉस एनी कहते हैं. एक रात एनी को उसका बॉस एक युवक से मिलवाता है, जिसका नाम- वान्या है जिसका किरदार मार्क आइडेलश्टाइन (Mark Eydelshteyn) ने निभाया है. वह अमीर वर्ग से ताल्लुक रखता है. उम्र ज्यादा नहीं है, इसके बावजूद वह नशे का आदि है. वह अमेरिका में रहकर पढ़ाई पूरी कर रहा है. अपने माता-पिता के पैसे पर पार्टी करने का शौकीन है.
जल्द ही वान्या और एनी में प्यार हो जाता है. वान्या एनी से इश्क पर पैसे लुटाने लगता है. खूब पार्टियां करता है. साथ-साथ घूमता फिरता है. इसके बाद प्यार गहरा हो जाता है तो दोनों शादी करने का फैसला करते हैं. एनी को उसकी ऐशो आराम की दुनिया खूब पसंद आती है. हालांकि वान्या का एनी से शादी करने के पीछे का मकसद ग्रीन कार्ड हासिल करना होता है. जल्द ही एनी अपने प्रेमी वान्या की विलासिता भरी जिंदगी का हिस्सा बन जाती है. और उसकी आलीशान हवेली में रहने लगती है.
इसके बाद कहानी में मोड़ आता है. वान्या और एनी का संबंध बहुत से लोगों को रास नहीं आता. वान्या के गॉडफादर यह संबंध खत्म कराना चाहते हैं. दूसरी तरफ रूस में रहने वाले एनी के माता-पिता भी उसकी शादी को पसंद नहीं करते. दोनों की शादी तोड़ने के लिए भारी-भरकम रकम की भी पेशकश की जाती है. लेकिन एनी संबंध तोड़ने के लिए राजी नहीं. इसी बीच वान्या लापता हो जाता है. इसके बाद फिल्म का बाकी हिस्सा जिसकी तलाश में खर्च होता है.
क्या कहना चाहती है अनोरा फिल्म?
अनोरा के आखिरी हिस्से की रेस फॉर्मूला फिल्मों जैसी ही है, वह बहुत चमत्कृत नहीं करती लेकिन फिल्म में अमेरिकी रूसी युवतियों के जीवनयापन के संघर्ष को भी बयां किया गया है. जिसका प्रतिनिधित्व एनी करती है. वह देह व्यापार के दलदल में है, लेकिन उसे कुलीन-संभ्रांत परिवार का हिस्सा बनने की ख्वाहिश है. वह फिल्म के आखिरी हिस्से में खुद को निराश और हताश पाती है. वान्या की नजदीकी भी उसे संतुष्ट नहीं कर पाती. वह खुद को अकेली पाती है. क्योंकि उसका मूल उससे छूट चुका है. वह टूट चुकी है. उसके सपने बिखर चुके हैं.
राइटर-डायरेक्टर सीन बेकर (Sean Baker) कहते हैं- अनोरा का क्लाइमेक्स कुछ इस तरह से प्रस्तुत किया गया है, जिसकी लोग अलग-अलग तरीके से व्याख्या कर सके. जितनी व्याख्या, उतनी सफलता. भले ही एनी देह व्यापार समुदाय से ताल्लुक रखती है लेकिन वान्या से संबंध विच्छेद को लोग गंभीरता से लेते हैं. यह इस बात का भी संकेत है कि पश्चिम में अब परिवार जैसी संस्था के प्रति उदासीनता कम बरती जा रही है और एकल जिंदगी के प्रति नकारात्मकता बढ़ी है.
पर्दे पर फिर से परीकथा दिखाने की कोशिश
फिल्म में एनी को उस नायिका के तौर पर चित्रित किया गया है जिसे प्यार की उतनी ही दरकार है जितनी कि अपनी सामाजिक हैसियत और लाइफ की स्थिरता की चिंता है. राइटर-डायरेक्टर इस फिल्म के जरिए ये बताना चाहते हैं कि दुनिया में 1 फीसदी समर्थ आबादी और 99 फीसदी गरीब आबादी के बीच अब भी बड़ी खाई है. मजदूर वर्ग भी उतनी ही स्वतंत्रता और शक्ति की चाहत रखता है जितनी कि शासक वर्ग.
फिल्म में एनी और वान्या के मिलन को परीकथा के रूप में भी चित्रित किया गया है. वह सिंड्रेला और स्नो व्हाइट जैसी परियों की कहानियों की याद दिलाता है. जहां कम साधन वाली महिलाओं को वैभव और राजसी जीवन जीने की इच्छा दर्ज है. राइटर-डायरेक्टर का कहना है कि एनी का किरदार कई मायने में बहुत आशावादी है. हर इंसान में यह आशावादी चेतना होती है.
फिल्म के आखिरी सीन में आंसू में बहे सपने
इस फिल्म का आखिरी सीन बेहद प्रभावशाली है. जहां एनी की आंखों में आंसू को दर्शाया गया है. ये आंसू बहुत कुछ बयां कर देते हैं. देह व्यापार की दुनिया में आंसू बहाने वालियों के सपने और उम्मीदों की झलकियां पर्दे पर बिखर जाती हैं. वह जानती है उसका शोषण किया जाता है, लेकिन उसके लिए वह आंसू बहाने का हक रखना चाहती है, जिससे वह मोहब्बत करती है. डायरेक्टर सीन बेकर इसे ‘नाइट्स ऑफ कैबिरिया’ के आखिरी शॉट से जोड़कर देखते हैं. यहां आंसू की धारा बहुत सी कहानियां व्यक्त कर देती हैं.